Saturday, August 31, 2013

An Ambedkar Calendar Is Launched By The BDS Akademi At Kurukshetra - Haryana

Want to view the calendar visit the link given below :

http://begumpuratelevision.com/info.html

आज का सुविचार

 हमेशा प्रेम की भाषा बोलिये इसे बहरा भी सुन सकता हैऔर गुंगा भी समझ सकता है । 

Friday, August 30, 2013

Golden words said by Swami Dayanand

Swami Dayanand was first in modern India to claim that we all are one jati i.e. humans and there exists no castes, what exists is varn vyastha which is entirely based on qualities, merits of any person not on basis of birth.

Thursday, August 29, 2013

आज का सुविचार

 दूसरों की अपेक्षा आपको सफलता यदि देर से मिले तो 
निराश नहीं होना चाहिये क्योंकि मकान बनने  से ज्यादा समय महल बनने में लगता है. 

Shabad by Guru Ravidass Ji


Wednesday, August 28, 2013

Important dates in the life of Savitribai Phule


Events
Year
Birth of SavitriBai.(Naigaon,Tha. Khandala Dist. Satara) Father’s name- Khandoji Nevse, Mother’s name- Laxmi.
3rd Jan.1831
Marriage with Jotirao Phule.
1840
Education started.
1841
Started school with Sagunabai in Maharwada.
1847
Country’s first school for girls was started at Bhide’s wada in Pune and Savitribai was nominated as the first head mistress of the school.
1 Jan.1848
Phule family was honoured by British government for their works in the field of education and Savtribai was declared as the best teacher.
16 Nov.1852
Infanticide prohibition home was started.
28 Jan.1853
Prize giving ceremony was arranged under the chairmanship of Major Candy.
12 Feb.1853
“Kavya Phule”-the first collection of poems was published.
1854
A night school for agriculturist and labourers was started.
1855
Orphanage was started.
1863
Opened the well to untouchables.
1868
Adopted son of Kashibai, a Brahmin Widow’s Child.
1874
Done important work in famine and started 52 free food hostels in Maharashatra.
1876 to 1877
Adopted son, Dr.Yashwant was married to the daughter of Sasane.
4 Feb.1889
Death of her husband Jotirao Phule .
28 Nov. 1890
Died while serving the Plague paitents during plague epidemic.
10 March 1897

Tuesday, August 27, 2013

आज का सुविचार

संसार में न कोई तुम्हारा मित्र है न कोई शत्रू ,
तुम्हारे अपने विचार ही शत्रू और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है । 

Begumpura Televison Mission

 Our Mission  is to promote and protect people who face caste-based discrimination, 

social inequalities and  injustice especially in all over world. 


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Friday, August 23, 2013

Lines said by E.V Ramaswamy

Teachers should first teach the students what self respect is; and what courage, dignity and equality are Students should be taught to love people.

आज का सुविचार

वह जो पचास लोगों से प्रेम करता है उसके पचास संकट हैं, वो  जो किसी से प्रेम नहीं करता उसके एक भी संकट नहीं है. 

Thursday, August 22, 2013

आज का सुविचार

जीवन में ज्यादा रिश्ते होना जरुरी नहीं है 
पर जो रिश्ते है उनमे जीवन होना जरुरी है । 

Tuesday, August 20, 2013

                                              बेगमपुरा टेलीविज़न की तरफ से आप सब
     को रक्षा बन्धन की हार्दिक शुभकामनाए । 

आज का सुविचार


“सभा में जो दूसरों के व्यक्तिगत दोषों को दिखाता है, वह वास्तव में अपने दोष को दिखाता है । 



Monday, August 19, 2013

आज का सुविचार

शत्रू का लोहा भले ही गर्म हो जाए , पर हतोड़ा तो ठंडा रह कर ही काम दे सकता है । 

कबीर वाणी

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय,
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।


मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है. अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु  आने पर ही लगेगा !


Friday, August 16, 2013

आज का सुविचार

सत्य के रास्ते पे कोई दो ही गलतियाँ कर सकता है , या तो वह पूरा सफर तय नहीं करता , या सफर  की शुरुवात नहीं करता । 




Thursday, August 15, 2013

बुद्ध के अनुसार धर्म यह है:


  • जीवन की पवित्रता बनाए रखना
  • जीवन में पूर्णता प्राप्त करना
  • निर्वाण प्राप्त करना
  • तृष्णा का त्याग
  • यह मानना कि सभी संस्कार अनित्य हैं
  • कर्म को मानव के नैतिक संस्थान का आधार मानना


Wednesday, August 14, 2013

आज का सुविचार

विद्येविना मती गेली | मतीविना नीति गेली | नीतीविना गती गेली | गतीविना वित्त गेले | वित्ताविना शुद्र खचले | इतके अनर्थ एका अविद्येने केले!


Friday, August 9, 2013

डॉ बी. र. अम्बेडकर

लोग  और  उनके  धर्म  सामाजिक मानकों  द्वारा;  सामजिक  नैतिकता  के  आधार  पर  परखे  जाने  चाहिए . अगर  धर्म  को  लोगो  के  भले  के  लिए  आवशयक  मान  लिया  जायेगा तो  और    किसी  मानक  का  मतलब  नहीं  होगा .


आज का सुविचार

समय और स्तिथि कभी भी  बदल सकती  है , इसलिए हमे कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिये। 
जैसे जब पक्षी जिन्दा होते है तो चीटियों को खाते है लेकिन जब वो मर जाते है तो चीटियाँ उन्हें खाती है.
हम भले ही बहुत बलवान हो लेकिन समय हमसे ज्यादा बलवान है ये बात हमे कभी नहीं भूलनी चाहिए। 



Wednesday, August 7, 2013

कबीर दास जी के दोहे

जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
अर्थ : जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते  हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है. लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते.
 

Tuesday, August 6, 2013

आज का सुविचार

अगर कोई आपका दिल दुखाये तो उसका बुरा  मत मानना 
क्योंकि ये कुदरत का नियम है कि जिस पेड़ पर  सबसे ज्यादा 
मीठे फल होते है , उस पेड़ को सबसे ज्यादा पत्थर लगते है। 



संत रविदास के दोहे

तोही मोही मोही तोही अंतरु कैसा ॥ कनक कटिक जल तरंग जैसा ॥१॥
जउ पै हम न पाप करंता अहे अनंता ॥ पतित पावन नामु कैसे हुंता ॥१॥ रहाउ ॥
तुम्ह जु नाइक आछहु अंतरजामी ॥ प्रभ ते जनु जानीजै जन ते सुआमी ॥२॥
सरीरु आराधै मो कउ बीचारु देहू ॥ रविदास सम दल समझावै कोऊ ॥३॥



आज का सुविचार

आपके पास जो कुछ भी है  है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये. जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.



Monday, August 5, 2013

आज का सुविचार

हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम  करता है , तो उसे कष्ट ही मिलता है. यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती .
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।
अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !