Friday, August 9, 2013

आज का सुविचार

समय और स्तिथि कभी भी  बदल सकती  है , इसलिए हमे कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिये। 
जैसे जब पक्षी जिन्दा होते है तो चीटियों को खाते है लेकिन जब वो मर जाते है तो चीटियाँ उन्हें खाती है.
हम भले ही बहुत बलवान हो लेकिन समय हमसे ज्यादा बलवान है ये बात हमे कभी नहीं भूलनी चाहिए। 



Wednesday, August 7, 2013

कबीर दास जी के दोहे

जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ,
मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
अर्थ : जो प्रयत्न करते हैं, वे कुछ न कुछ वैसे ही पा ही लेते  हैं जैसे कोई मेहनत करने वाला गोताखोर गहरे पानी में जाता है और कुछ ले कर आता है. लेकिन कुछ बेचारे लोग ऐसे भी होते हैं जो डूबने के भय से किनारे पर ही बैठे रह जाते हैं और कुछ नहीं पाते.
 

Tuesday, August 6, 2013

आज का सुविचार

अगर कोई आपका दिल दुखाये तो उसका बुरा  मत मानना 
क्योंकि ये कुदरत का नियम है कि जिस पेड़ पर  सबसे ज्यादा 
मीठे फल होते है , उस पेड़ को सबसे ज्यादा पत्थर लगते है। 



संत रविदास के दोहे

तोही मोही मोही तोही अंतरु कैसा ॥ कनक कटिक जल तरंग जैसा ॥१॥
जउ पै हम न पाप करंता अहे अनंता ॥ पतित पावन नामु कैसे हुंता ॥१॥ रहाउ ॥
तुम्ह जु नाइक आछहु अंतरजामी ॥ प्रभ ते जनु जानीजै जन ते सुआमी ॥२॥
सरीरु आराधै मो कउ बीचारु देहू ॥ रविदास सम दल समझावै कोऊ ॥३॥



आज का सुविचार

आपके पास जो कुछ भी है  है उसे बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए, और ना ही दूसरों से इर्श्या कीजिये. जो दूसरों से इर्श्या करता है उसे मन की शांति नहीं मिलती.



Monday, August 5, 2013

आज का सुविचार

हम जो कुछ भी हैं वो हमने आज तक क्या सोचा इस बात का परिणाम है. यदि कोई व्यक्ति बुरी सोच के साथ बोलता या काम  करता है , तो उसे कष्ट ही मिलता है. यदि कोई व्यक्ति शुद्ध विचारों के साथ बोलता या काम करता है, तो उसकी परछाई की तरह ख़ुशी उसका साथ कभी नहीं छोडती .
तिनका कबहुँ ना निन्दिये, जो पाँवन तर होय,
कबहुँ उड़ी आँखिन पड़े, तो पीर घनेरी होय।
अर्थ : कबीर कहते हैं कि एक छोटे से तिनके की भी कभी निंदा न करो जो तुम्हारे पांवों के नीचे दब जाता है. यदि कभी वह तिनका उड़कर आँख में आ गिरे तो कितनी गहरी पीड़ा होती है !