असतो मा सदगमय
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतं गमय
यह शास्त्रों की उक्ति है जिसमे आहवान किया गया है -- असत्य से सत्य की ओर बड़े , अन्धेरे से ज्योति की ओर बड़े, और मृत्यु से अमृत की ओर बड़े
यह शास्त्रोक्ति मानवमात्र के कल्याण के लिए है, पर वर्ण व्यवस्था व जात पात के चक्कर में पढ़कर इसे भुला दिया गया
तमसो मा ज्योतिर्गमय
मृत्योर्मा अमृतं गमय
यह शास्त्रों की उक्ति है जिसमे आहवान किया गया है -- असत्य से सत्य की ओर बड़े , अन्धेरे से ज्योति की ओर बड़े, और मृत्यु से अमृत की ओर बड़े
यह शास्त्रोक्ति मानवमात्र के कल्याण के लिए है, पर वर्ण व्यवस्था व जात पात के चक्कर में पढ़कर इसे भुला दिया गया
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