जिण री धन धरती हरी
कदेई न राखिजे संग
जे राखिये संग तो
कर राखिये अपंग
इस राजस्थानी कहावत के अनुसार उस व्यक्ति को कभी भी अपने साथ नहीं रखना चाहिए , जिसकी धन - सम्पदा आपने लूट ली हो . अगर उसे साथ रखना है तो उसे इतना विक्लांग कर दो ताकि वह कभी भी विद्रोह न कर सके .
इस लोकोक्ति में आर्य व अनार्यो का सच्चा इतिहास भरा हुआ है जो दर्शाता है कि मूल निवासी अनार्यो (शुद्रों ) की धन - सम्पदा लूत कर आर्यों ने किस तरह से हजारों साल से उन्हें अपंग बनकर दलित व अछूत बनाये रखा
कदेई न राखिजे संग
जे राखिये संग तो
कर राखिये अपंग
इस राजस्थानी कहावत के अनुसार उस व्यक्ति को कभी भी अपने साथ नहीं रखना चाहिए , जिसकी धन - सम्पदा आपने लूट ली हो . अगर उसे साथ रखना है तो उसे इतना विक्लांग कर दो ताकि वह कभी भी विद्रोह न कर सके .
इस लोकोक्ति में आर्य व अनार्यो का सच्चा इतिहास भरा हुआ है जो दर्शाता है कि मूल निवासी अनार्यो (शुद्रों ) की धन - सम्पदा लूत कर आर्यों ने किस तरह से हजारों साल से उन्हें अपंग बनकर दलित व अछूत बनाये रखा
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