न जच्चा वस्लो होति ,
न जच्चा होती ब्राह्मणों
कम्मुना वसलों होति
कम्मुना होति ब्राह्मणों
जन्म से कोई नीच नहीं होता और न ही जन्म से कोई ब्राह्मण होता है , अपितु कर्म से ही कोई नीच होता है और कर्म से कोई ब्राह्मण होता है .
भगवन बुद्ध ने ब्राह्मणों द्वारा रोपित वर्ण - धर्म को नकारते हुए प्रश्न किया कि केवल ब्राह्मणों को अन्य वर्णों के लिए वर्ण - धर्म का निर्धारण करने का अधिकार किसने दिया था ? हमारा तो व्यापक धर्म मानव कल्याण के लिए होना चाहिए - बहुजन हिताय - बहुजन सुखाय
न जच्चा होती ब्राह्मणों
कम्मुना वसलों होति
कम्मुना होति ब्राह्मणों
जन्म से कोई नीच नहीं होता और न ही जन्म से कोई ब्राह्मण होता है , अपितु कर्म से ही कोई नीच होता है और कर्म से कोई ब्राह्मण होता है .
भगवन बुद्ध ने ब्राह्मणों द्वारा रोपित वर्ण - धर्म को नकारते हुए प्रश्न किया कि केवल ब्राह्मणों को अन्य वर्णों के लिए वर्ण - धर्म का निर्धारण करने का अधिकार किसने दिया था ? हमारा तो व्यापक धर्म मानव कल्याण के लिए होना चाहिए - बहुजन हिताय - बहुजन सुखाय
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