अपूज्या यत्र पूज्यन्ते , पूज्यनाम्र च विमानता
त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते दुर्भिश, मरण , भयम्र
धूर्त लोगो का जहाँ मान सम्मान होता है और पूज्य अर्थात विद्वानों का जहाँ अपमान व् निरादर होता है वहां तीन बातें अवश्य होंगी - भयंकर अकाल , आकाल मृत्यु और भयपूर्ण वातावरण
त्रीणि तत्र प्रवर्तन्ते दुर्भिश, मरण , भयम्र
धूर्त लोगो का जहाँ मान सम्मान होता है और पूज्य अर्थात विद्वानों का जहाँ अपमान व् निरादर होता है वहां तीन बातें अवश्य होंगी - भयंकर अकाल , आकाल मृत्यु और भयपूर्ण वातावरण
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